एडवोकेट हुकम सिंह रावत ने अगलाड़ नदी में लगे नियम विरूद्ध स्टोन क्रेशर व राजस्व को हुए नुकसान की जांच की मांग की।

मसूरी : अगलाड़ नदी में नियम विरू़द्ध चलाये जा रहे स्टोन क्रेशर व नियम विरूद्ध स्वीकृत खनन पटटों की आंड़ में यमुना नदी व अगलाड नहीं में किए जा रहे अवैध खनन की जांच करने व राजस्व को हुए करोड़ो के नुकसान की भरपाई स्टोन क्रेशर के संचालकों से करने की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री, सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को शिकायत की गई है।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए एडवोकेट हुकम सिंह रावत ने बताया कि अगलाड़ में जो स्टोन क्रेशर सरदार सिंह व विरेंद्र रावत ने लगाया है उसमें वास्तविक तथ्यों को छिपाकर नियम विरूद्ध तरीके से यमुना नदी व अगलाड़ नहीं से अवैध खनन कर सरकार को करोडो रूपये का चूना लगाया जा रहा है। वहीं यह प्लांट वन्य जंतु विहार क्षेत्र की परिधि में है जो कि नियम विरूद्ध है, वहीं क्रेशर प्लांट के लिए कच्चा माल खरसोन क्यारी तहसील नैनबाग से निकाला जाना दिखाया गया है जबकि यहां से किसी प्रकार का खनिज नहीं उठाया गया व सारा कच्चा माल यमुना व अगलाड़ नहीं में बड़ी बड़ी मशीने लगाकर खोदा जा रहा है, व नदी को गहरा कर दिया है जबकि यहां सभी कार्य मानव श्रम से किया जाना था। जबकि अगलाड़ नहीं में मौण मेला लगाया जाता है व अब नदी को पूरी तरह खुर्दबुर्द कर दिया गया है। वहीं न्यायालय व राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नियमों का घोर उलंघन है। वहीं स्टोन क्रेशर दिन के बजाय रात्रि को चलाया जाता है जो कि नियम विरूद्ध है। इसी कड़ी में एक और स्टोन क्रेेशर चडोगी में लगाया गया है वह भी नियम विरूद्ध है इसमें वन विभाग व खनन विभाग की मिलीभगत है। उन्होेने मुख्यमंत्री से जांच की मांग की है तथा जो करोडो रूपये के राजस्व की हानि हुई है केंशर स्वामियों से वसूल करने की मांग की है। उन्हांेने यह भी बताया कि जिस भूमि पर प्लांट लगा है वह हर प्रकार के आड़ भार बंधक से मुक्त होनी चाहिए जबकि भूमि पूर्व से ही बैंक में किसान ऋण हेतु खातेदारों ने बंधक रखी है। वहीं उन्होंने धनोल्टी तहसील में भूमि प्रकरण का वाद दायर किया है जोकि पूर्व में ही जिनकी भूमि है उनके पास है व लंबे समय से उन्हेी का कब्जा है, अगर उनकी भूमि नही थी तो 12 साल तक कहां सोये रहे। उन्होंने यह भी कहा कि एक अन्य प्लांट मोरी क्षेत्र में स्वीकृत कराया गया है जो कि यह क्षेत्र वन्य जीवों के लिए सुरक्षित है विशेष कर यह लेपर्ट संरक्षण व आरक्षित वन क्षेत्र में है। जबकि इसमें पूर्व विधायक मालचंद के पुत्र मोहित, सरदार सिंह, राकेश सिंह पार्टनर है।

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