कृषि विभाग द्वारा संचालित थ्रीके आउटलेट से पहाड़ी उत्पादों को मिली नई पहचान

स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने और काश्तकारों की आय में वृद्धि के निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं. कृषि व उद्यान विभाग की ओर कृषि एवं कृषक कल्याण योजना के तहत थ्रीके आउटलेट का संचालन किया जा रहा है. जिससे दुकान संचालकों की आय में वृद्धि होने के साथ ही काश्तकारों को उत्पादों के विपणन के लिए बाजार उपलब्ध हो रहा है.

चमोली जिले में उद्यान विभाग की ओर से जहां 6 थ्रीके आउटलेट का संचालन किया जा रहा है. कृषि विभाग की ओर से 34 आउटलेट तैयार किए गए हैं. मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी ने बताया कि जनपद के लंगसी, छिनका, सगर, लोहजंग, बिरही, नंदप्रयाग, सोनला, कर्णप्रयाग, गौचर, मायापुर, मंडल, ग्वालदम, देवाल, थिरपाक, रानौ सहित विभिन्न स्थानों पर थ्रीके आउटलेट स्थापित किए गए हैं. जिनके माध्यम से स्थानीय उत्पादों की पैकेंजिग बाजार की मांग के अनुसार पहाड़ी दालों, मसालों, जूस, सब्जी व अन्य उत्पादों का विपणन किया जा रहा है. जिससे काश्तकारों को अपने उत्पाद का घर के पास से ही बेहतर मूल्य मिल रहा है. वहीं आम लोगों को भी आसानी से पहाड़ी उत्पाद मिल पा रहे हैं. जिससे काश्तकारों को आर्थिक लाभ हो रहा है.

ग्वाड़ गांव में थ्रीके आउटलेट का संचालन कर रहे तेजेंद्र सिंह और गोपेश्वर के पठियालधार में आउटलेट का संचालन करने वाले दीपक कुमार का कहना है कि सरकार की ओर से संचालित योजना से जहां व्यवसायियों और आम लोगों को सुगमता से स्थानीय उत्पाद उपलब्ध हो रहे हैं. काश्तकारों को अपने उत्पादों के विपणन के लिए भी उचित माध्यम मिल रहा है. जिससे काश्तकारों की आय में वृद्धि हो रही है.

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