केदारनाथ यात्रा में बड़ा बदलाव: 7 किलोमीटर टनल से होगी यात्रा आसान

केदारनाथ यात्रा आसान बनाने के लिए भारत सरकार की बड़ी पहल: 7 किमी टनल और रोपवे का निर्माण

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा हर साल बढ़ते श्रद्धालुओं के कारण अब और अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। खासकर केदारनाथ यात्रा मार्ग, जो 2013 की भयंकर आपदा के बाद और भी लंबा व कठिन हो गया था, अब जल्द ही आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।

7 किलोमीटर की टनल योजना:
भारत सरकार ने केदारनाथ तक श्रद्धालुओं की यात्रा को आसान बनाने के लिए गौरीकुंड से रामबाड़ा तक 7 किलोमीटर लंबी टनल बनाने का सर्वे पूरा कर लिया है। इस टनल के बनने से न केवल पैदल रास्ता छोटा होगा, बल्कि यात्रा में लगने वाला समय भी लगभग 6 घंटे कम हो जाएगा। साथ ही, माल की आवाजाही भी सुगम होगी और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा कम होगा।

रोपवे परियोजना:
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाने की योजना भी केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूर कर ली है। इससे 9 घंटे की कठिन चढ़ाई मात्र 40 मिनट में पूरी हो जाएगी। यह प्रोजेक्ट 2031 तक पूरा होने की उम्मीद है और इससे प्रति घंटे लगभग 1800 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच सकेंगे।

अन्य विकास कार्य:
रुद्रप्रयाग और बदरीनाथ हाईवे को जोड़ने वाली 900 मीटर लंबी टनल का निर्माण भी पूरा हो चुका है, जो श्रद्धालुओं के लिए राहत साबित होगी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत उत्तराखंड को 212 नई सड़कों और 9 पुलों की मंजूरी मिली है, जिससे राज्य के दूरदराज इलाकों का संपर्क बेहतर होगा।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और पीएम का ध्यान:
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार, केदारनाथ और बदरीनाथ में हो रहे ये विकास कार्य विश्वस्तरीय होंगे और प्रधानमंत्री भी इन परियोजनाओं पर विशेष नजर रखे हुए हैं

 

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