मुस्तैदी के साथ यात्रा तैयारियों में जुटा पशुपालन विभाग

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में संचालन को लेकर बाहर से आ रहे घोड़े-खच्चरों पर प्रशासन की पैनी नजर है। इसको लेकर पुलिस और पशुपालन विभाग मुस्तैदी से जुटा हुआ है। अगर यात्रा के दौरान वायरस तेजी से फैलता है तो प्रशासन के सामने बहुत सारी समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। ऐसे में सतर्कता बरतते हुए जिले के बार्डर पर पहुंच रहे घोड़े-खच्चरों को वापस लौटाया जा रहा है। वहीं संक्रमित घोड़े-खच्चरों के लिए क्वारंटाइन सेंटर भी बनाए गए हैं, जिससे अन्य घोड़े-खच्चरों में यह वायरस ना फैले।
बता दें कि पिछले दिनों जनपद में घोड़े खच्चरों के पंजीकरण के दौरान जब स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तो कई घोड़े-खच्चरों में हॉर्स फ्लू (इक्वाइन इन्फ्लूएंजा) के लक्षण पाए गए, जिस पर पंजीकरण बंद कर दिया गया था। यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में घोड़े खच्चरों का संचालन होता है और केदारनाथ यात्रा में घोड़े खच्चरों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है, जिस कारण यदि घोड़े खच्चरों के संचालन पर असर पड़ा तो यात्रा भी प्रभावित हो सकती है। जिसे देखते हुए प्रशासन पूरी तैयार कर रहा है। बीमार होने वाले घोड़ा-खच्चरों को तत्काल क्वारंटाइन किए जाने को लेकर पशुपालन विभाग द्वारा क्वारंटीन सेंटर बनाए जा रहे हैं, जिसमें गौरीकुंड, फाटा व कोटमा में क्वारंटाईन सेंटर बनाए जा रहे हैं। यहां बीमार होने पर पशु चिकित्सकों कीअ ोर से संक्रमित घोड़े खच्चरां का उपचार किया जाएगा तथा विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की निगरानी में बीमार जानवरों को रखा जाएगा। वहीं, पशु पालन विभाग घोड़े खच्चरों के पंजीकरण में विशेष सावधानी बरत रहा है। शिविर में पहुंच रहे घोड़े खच्चरों  के सैंपल लिए जा रहे हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है।

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