दिवाली की रात जिले में आग की घटनाओं में एकाएक इजाफा होता है। इससे निपटने में अग्निशमन विभाग के मौजूदा बेड़े का दम फूल जाता है। सामान्य दिनों में जहां रोजाना आग लगने की दो से चार घटनाएं होती हैं, वहीं पिछली दिवाली की रात विभाग को आग लगने की 39 कॉल्स मिली थी। इसके मद्देनजर इस दिवाली के लिए विभाग ने कमर कसनी शुरू कर दी है।फायर टेंडर्स की कमी की वजह से पुलिस के दो वाटर कैनन भी बेड़े में शामिल किए गए हैं। ये वाटर कैनन शहर में प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार करके उन्हें रोकने के लिए हैं, लेकिन दिवाली पर आग की घटनाओं से निपटने के लिए फिलहाल उन्हें फायर स्टेशन में रखा गया है। इनमें पांच हजार लीटर पानी ले जाने की क्षमता और उस पर हौज रील लगाकर आग बुझाने में मदद मिलने की वजह से बेड़े में शामिल किया है।
दिवाली पर आग लगने की कॉल्स शाम आठ से सुबह तक आती हैं। ज्यादातर आगजनी आतिशबाजी या चाइनीज लाइट्स की वजह से होती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए अग्निशमन विभाग ने जागरूकता कार्यक्रम चलाने का भी फैसला लिया है, जिसके तहत बाजारों व शिक्षण संस्थानों में नुक्कड़ नाटक व अन्य कार्यक्रम करके लोगों को आग से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा।
पटाखों की बिक्री के लिए भी अलर्ट
इस बार पटाखे कहां बिकेंगे और वहां आग से निपटने के क्या इंतजाम रहेंगे, इस संबंध में विभाग की जल्द ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक होनी है। इसमें तय होगा कि जिले में किन जगहों पर पटाखों की बिक्री होगी, उसके अनुसार दमकल की गाड़ियों को अलर्ट पर रखा जाएगा। दून शहर में दिवाली के आसपास फायर टेंडर मुख्य तौर पर आठ स्थानों पर तैनात रहेंगे। इनमें धर्मपुर, पटेलनगर, सहस्रधारा क्रॉसिंग, दिलराम चौक, घंटाघर, कोतवाली और प्रेमनगर शामिल हैं।