माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति विद्यालयी शिक्षा विभाग में दिव्यांगता प्रमाणपत्र का गलत लाभ उठाने के प्रकरण की जांच करेगी। समिति केस-टू-केस के आधार पर शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाणपत्रों की जांच कर रिपोर्ट शासन को देगी।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि दिव्यांगता प्रमाणपत्रों का अनुचित लाभ उठाने वाले शिक्षकों के खिलाफ जांच बिठा दी गई है। उच्च न्यायालय में जनहित याचिका के क्रम में आयुक्त दिव्यांगजन ने राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा अपात्र 52 शिक्षकों की सूची जांच के लिए उपलब्ध कराई थी। जिसमें दो प्रधानाध्यापक, 21 प्रवक्ता व 29 सहायक अध्यापक (एलटी) शामिल थे। इन सभी शिक्षकों को विभागीय स्तर पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
20 प्रवक्ता व नौ सहायक अध्यापकों ने अपना जवाब विभाग को उपलब्ध करा दिया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि गलत तरीके से आरक्षण का लाभ उठाने वाले शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर अन्य कार्मिकों के भी प्रमाणपत्रों की अलग से जांच की जाएगी।
कहा कि राज्याधीन सेवाओं में दिव्यांगजनों को आरक्षण दिये जाने का प्रावधान लागू है, जो विद्यालयी शिक्षा विभाग की नियुक्तियों एवं पदोन्नतियों पर भी समान रूप से प्रभावी है। विभाग द्वारा समय-समय पर की गई नियुक्ति एवं पदोन्नति में विभिन्न नियमों के अनुरूप दिव्यांगजनों को आरक्षण प्रदान किया जाता रहा है।