कनाडा के अल्बर्टा के कनानास्किस में 51वें जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के कई बड़े नेता इसमें शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. ये सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब ईरान और इजराइल के बीच युद्ध चल रहा है. इससे इस शिखर सम्मेलन में भी बाधा पहुंची है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजराइल और ईरान के बीच युद्ध का हवाला देकर शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर चले गए.
पीएम मोदी कनाडा के पीएम से कर सकते हैं भेट
पीएम मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात कर सकते हैं. पीएम मोदी ऐसे समय में कनाडा पहुंचे हैं जब हाल के कुछ वर्षों में भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण रहे. एनआईए द्वारा नामित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे को लेकर विवाद शुरू हुआ था.
कनाडा ने आरोप लगाया था कि 2023 में कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे. इसका भारत ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि उसके निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं.
मिडिल ईस्ट में बिगड़ते हालात को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर चले गए. व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि मिडिल ईस्ट में बिगड़ते हालात के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले ही चले आए हैं.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम का प्रस्ताव दिया है. ट्रंप ने पहले ही अपने नागरिकों से ईरान को तुरंत खाली करने का आग्रह किया था. साथ ही उन्होंने दोहराया था कि ईरान को अमेरिका के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए था.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का जी-7 में एक शानदार दिन रहा. यहां तक कि उन्होंने ब्रिटेन और प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक प्रमुख व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर भी किए. बहुत कुछ हासिल किया गया, लेकिन मध्य पूर्व में जो कुछ चल रहा है, उसके कारण राष्ट्रपति ट्रंप आज रात राष्ट्राध्यक्षों के साथ रात्रिभोज के बाद चले जाएंगे.
जी-7 शिखर सम्मेलन कौन से देश हैं शामिल
जी-7 में विश्व के सात बड़े और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं वाले देश शामिल हैं. इनमें अमेरिका,ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, जर्मनी, इटली और कनाडा शामिल है. इस सम्मेलन में आर्थिक, भू-राजनीतिक मामलो पर विचार विमर्श होता है. खासकर विश्व शांति, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था में सुधार जैसे मुद्दों पर बल दिया जाता है. भारत इस सम्मेलन से भाग लेता रहा है.