वसुंधरा झील पर अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की योजना, जिम्मेदारी तय करने में अभी समय

राज्य की बेहद संवेदनशील हिम झीलों में वसुंधरा झील का सर्वे हुए 11 महीने हो गए हैं। लेकिन अभी तक झील की निगरानी और खतरा होने पर चेतावनी देने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने का काम शुरू नहीं हो सका है।

सिस्टम लगाने के साथ ही निगरानी का काम किसे दिया जाए यह भी तय नहीं हुआ है। राज्य में 13 हिम झील संवेदनशील है, इसमें भी पांच को बेहद संवेदनशील माना गया है। झीलों के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए जीएलओएफ एस्समेंट सर्वे (ग्लेशियर से भरी झील से अचानक पानी निकलने के जोखिम का मूल्यांकन) कराने का फैसला किया गया।

झील से पानी निकासी के दो क्षेत्र बताए गए
इसमें वसुंधरा झील का सर्वे पिछले साल अक्तूबर में पूरा हो चुका है। इस सर्वे में यूएसडीएमए, वाडिया संस्थान, आईटीबीपी, एनडीआरएफ की टीम शामिल थीं। सर्वे रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी है। सूत्रों के अनुसार इसमें झील से पानी निकासी के दो क्षेत्र बताए गए हैं। इसके अलावा हिमस्खलन, भूस्खलन की स्थिति आदि का भी उल्लेख किया गया है। इसके बाद इस हिम झील पर अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की योजना है।

इसके लिए एनडीएमए के माध्यम से भी राशि मिलने की बात है। लेकिन अभी तक कौन संस्था सिस्टम लगाएगी और किसको निगरानी व रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी इस पर मंथन ही चल रहा है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में मुख्य सचिव स्तर पर हाेने वाली बैठक में सभी पहलू पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *