मानसून सत्र एक विजयोत्सव है- संसद सत्र की शुरुआत पर बोले पीएम मोदी…

संसद का मानसून सत्र आज सोमवार 21 जुलाई 2025 से शुरू हो गया है, पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत के सटीक हवाई हमलों को लेकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह संसद का पहला सत्र है। सत्र 21 अगस्त तक चलेगा और 32 दिनों में 21 बैठकें होंगी। स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए संसद के दोनों सदन 12 अगस्त से 17 अगस्त तक स्थगित रहेंगे और 18 अगस्त को फिर से शुरू होंगे।

सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ” मानसून सत्र में सभी का स्वागत है, यह नवीनता और नव उत्सर्जन का प्रतीक है। अब तक जो खबरें मिली हैं, देश में मौसम बहुत ही अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहा है। कृषि को लेकर लाभदायक खबरें हैं, पिछले 10 वर्षों में पानी का जो भंडार हुआ है, वह करीब तीन गुणा हुआ है। यह देश के अर्थतंत्र को लाभ प्रदान करेगा, यह राष्ट्र के लिए गौरव पूर्ण सत्र है। राष्ट्र के लिए एक अपने आप में विजयोत्सव का रूप है। मैं जब यह कहता हूं, तो सबसे पहले तो मैं पहली बार इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर भारत का तिरंगा झंडा वहां लहराना देश के हर वासी के लिए गौरव के पल हैं। साइंस एंड टेक के प्रति, इनोवेशन के प्रति, नया उमंग और उत्साह भरने वाली यह सफल यात्रा रही है। पूरा संसद एक स्वर में इसका यशगान करेंगे। यह भारत को अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयां पर पहुंचाने वाले भावी कार्यक्रम के लिए भी प्रेरक बनेगा।”

मानसूत्र सत्र एक विजयोत्सव है। पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति का भारत के सैन्य सामर्थ का रूप देखा है। ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे सौ फीसदी अचीव किया। आतंकियों के आका के घर में जाकर 22 मि. में ऑपरेशन को अंजाम दिया, आतंकियों को जमींदोज कर दिया, बिहार के एक कार्यक्रम में भी मैंने इसका उल्लेख किया था, इसमें मेड इन इंडिया, सैन्य शक्ति का नया स्वरूप उभरा है। मेड इन इंडिया को लेकर दुनिया का आकर्षण बढ़ रहा है।

सदन इस विजयोत्सव को एक स्वर में विजय के भाव से इस सत्र के दौरान उन ओजस्वी भावनाओं को प्रकट करेगा। इससे भारत की सैन्य शक्ति को प्रोत्साहन मिलेगा, देशवासियों को भी प्रेरणा मिलेगी। देश में मैन्युफैक्चरिंग को भी बल मिलेगा। नौजवानों के लिए नए रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। यह दशक एक प्रकार से शांति और प्रगति का है, कंधे से कंधा मिलाकर आगे चलने का समय है।”देश कई प्रकार की हिंसा का शिकार रहा है, आतंकवाद हो या नक्सलवाद हो। लेकिन आज नक्सलवाद और माओवाद का दायरा बहुत तेजी से सिकुड़ रहा है। माओवाद को जड़ से उखाड़ने के बाद देश के सुरक्षा बल नए आत्मविश्वास के साथ तेज गति से सफलता की ओर कदम रख रहे हैं। हम गर्व से कह सकते हैं कि देश में सैंकड़ों जिले नक्सल की चपेट में से निकल कर आज मुक्ति का सांस ले रहे हैं। बम पिस्तौल के सामने हमारा देश का संविधान जीत रहा है।”

देश के उज्जवल भविष्य के लिए यह दिख रहा है कि कल तक जो रेड जोन थे, वह ग्रीन जोन में परिवर्तित होते हुए दिख रहे हैं। यह गौरव का पल है, संसद में उनका गौरव गान हर दल से पूरा देश सुनेगा। आर्थिक क्षेत्र में भी हमने काफी प्रगति की। वैश्विक अर्थव्यवस्था में हम दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनोमी बनने की ओर अग्रसर हैं, इन दिनों 25 करोड़ गरीबों का गरीबी रेखा से बाहर निकलना बड़ा कदम है, दुनिया भी इसे मान रही है। महंगाई का दर पहले डबल डिजिट में हुआ करता था, आज दो फीसदी के आसपास है।”

“डिजिटल इंडिया को लेकर पूरी दुनिया में आकर्षण है। डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने को हम बल दें। सेना के सामर्थ्य को समझना जरूरी। एक स्वर का क्या महत्व होता है, सभी सांसद इसे समझेंगे। दल अलग-अलग हैं, उनका एजेंडा भी है, लेकिन मैं यह भी कहता हूं कि मत भले न मिले, लेकिन देश हित में मन जरूर मिले।