अतिक्रमण की चपेट में बाजार ,अतिक्रमण से बढ़ गई लोगों की परेशानी

पलटन बाजार में छात्रा के साथ छेड़छाड़ के बाद पुलिस ने सत्यापन अभियान चलाते हुए पलटन बाजार को अतिक्रमणमुक्त कर दिया। यहां तक कि बाजार में एंबलुेंस भी दौड़ाई गई, लेकिन एक बार फिर पूरा बाजार अतिक्रमण की चपेट में आ गया है।

तहसील के ठीक सामने अवैध तौर पर सब्जी मंडी लग गई। सब्जी व फल विक्रेता रेहड़ी व ठेली लगातार बैठ गए हैं। पुलिस हर दिन इसी रास्ते से गुजरती है, लेकिन उन्हें यह अतिक्रमण नहीं दिख रहा है।

तहसील चौक से पलटन बाजार की तरफ आने वाली सड़क पूरी तरह से अतिक्रमण की जद में आ चुकी है। तहसील की पार्किंग से लेकर 200 मीटर आगे तक सब्जी व फल विक्रेताओं ने लाइन से ठेली व फड़ लगाई हुई है, जिसके कारण यहां से बाइक से गुजरना भी मुश्किल हुआ है।

पुराने ढर्रे पर पलटन बाजार

गंभीर बात यह है कि तहसील से थोड़ी सी दूरी पर शहर कोतवाली है और पुलिस इसी मार्ग से गुजरती है, लेकिन उन्हें कभी यह अतिक्रमण नहीं दिखा। ठेली व रेहड़ी वाले सड़क के बीचों बीच सब्जी व फल बेच रहे हैं।

अतिक्रमण के कारण हर तरफ जाम, नो एंट्री में दाखिल हो रहे वाहन

जाम का कारण बाजार में दाखिल लोडर, ई-रिक्शा व जहां तहां खड़े दुपहिया व चार पहिया वाहन भी रहे। बाजार में खरीदारी करने आए लोगों ने जहां मर्जी वहां वाहन खड़ा किया और खरीदारी करने लगे। इसके अलावा बाजार में रेहड़ी व फड़ लगने के कारण भी जाम की स्थिति बनी। पुलिस दुकानों के बाहर लगने वाली रिंग पर कार्रवाई करनी भी भूल गई।

 

अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई न होने से बढ़ी समस्या

पुलिस यदि समय-समय पर सड़क किनारे रेहड़ी व ठेली लगाने वालाें पर कार्रवाई करती रहे तो कुछ हद तक अतिक्रमण को दूर किया जा सकता है, लेकिन कुछ समय से पुलिस ने कार्रवाई करनी बंद कर दी है। ऐसे में जगह-जगह अतिक्रमण बढ़ गया है। कुछ समय पूर्व पुलिस ने बाजार में सत्यापन अभियान चलाकर बाहरी व्यक्तियों को चिह्नित किया था, लेकिन एक बार फिर बाहरी लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है।

 

बढ़ती भीड़ से फिर सुरक्षा को खतरा

पलटन बाजार व आसपास पूर्व में महिला अपराध के कई मामले सामने आ चुके हैं। महिलाओं के साथ पर्स व चेन छीनने की घटनाएं घटित हो चुकी हैं। इसके बाद पुलिस ने कुछ सख्ती भी बढ़ाई थी, लेकिन अब दोबारा स्थिति पूर्व की तरह हो चुकी हैं। बाजार में सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं।

 

कई बार रेहड़ी, फड़ व रिंग संचालकों पर कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन दोबारा यह लोग वहीं आ जाते हैं। यह बात सही है कि इन दिनों इनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई, दोबारा इन पर कार्रवाई की जाएगी। – प्रदीप पंत, शहर कोतवाल

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