मसूरी घूमने के लिए पर्यटकों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, फैसले से नाखुश पर्यटन कारोबारी

पहाड़ों की रानी मसूरी घूमने के लिए अब पर्यटकों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने की कवायद की जा रही है. यह कवायद उत्तराखंड पर्यटन विभाग की ओर से की जा रही है. जिसका मकसद भीड़ को नियंत्रित और पर्यटकों की सटीक संख्या का आकलन करना है, लेकिन इस फैसले के विरोध में स्थानीय पर्यटन उतर आए हैं. उनका कहना है कि इससे पर्यटन पर सीधा असर पड़ेगा.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता से भ्रम की स्थिति: मसूरी आने वाले पर्यटकों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किए जाने का फैसला स्थानीय व्यापारियों और पर्यटकों दोनों के लिए चिंता का कारण बन गया है. एक ओर होटल व्यवसायियों को डर है कि इससे पर्यटन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तो वहीं दूसरी ओर पर्यटक भ्रमित हैं कि रजिस्ट्रेशन कब और कैसे करना है?

देशभर से पर्यटक मसूरी में वीकेंड या छुट्टियों के दौरान सैर सपाटे के लिए पहुंचते हैं, लेकिन अब नए नियम के तहत उन्हें यात्रा से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा. ज्यादातर पर्यटक इस प्रक्रिया से अनजान हैं. सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर भ्रम फैल चुका है कि बिना रजिस्ट्रेशन के एंट्री नहीं मिलेगी. मसूरी के होटल, रेस्टोरेंट और बाजारों में यह नियम व्यावसायिक संकट की तरह देखा जा रहा है.

“मसूरी में 60-70 प्रतिशत पर्यटक आखिरी समय पर यात्रा का प्लान करते हैं. अगर उन्हें पहले से रजिस्ट्रेशन की बाध्यता होगी तो वे मन बदलकर शिमला या नैनीताल जैसे डेस्टिनेशन पर चले जाएंगे.”– अजय भार्गव, महामंत्री, मसूरी होटल एसोसिएशन

मसूरी महिला कांग्रेस अध्यक्ष जसबीर कौर का कहना है कि अगर सरकार पर्यटकों की रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को समाप्त नहीं करती तो कांग्रेस फैसला का विरोध करेगी. साथ ही सड़क पर उतरने पर मजबूर होगी.

“सरकार की यह नीति व्यवहारिक धरातल पर सफल नहीं हो पाएगी, क्योंकि न तो इंटरनेट सभी जगह सुगम है, न ही हर पर्यटक तकनीकी रूप से सक्षम है. सरकार मसूरी में पर्यटकों को बेहतर सुविधा देने में असफल साबित हुई, जिसको लेकर बेवजह की योजना बनाई जा रही है, जिसका कांग्रेस विरोध करती है.”– जसबीर कौर, अध्यक्ष, मसूरी महिला कांग्रेस

वहीं, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव जगजीत कुकरेजा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो व्यापारी विरोध प्रदर्शन करेंगे.

“रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य की बजाय वैकल्पिक बनाया जाए. होटल/गेस्ट हाउस में चेक-इन के समय रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाए. इस योजना को पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाकर उसका आकलन किया जाए. पर्यटकों को स्पष्ट जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए.”-जगजीत कुकरेजा, महासचिव, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन

बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश सदस्य आर्यन देव उनियाल ने सरकार का समर्थन किया है. उन्होंने इस फैसले को जरूरी बताया है.

“यह फैसला जरूरी है, लेकिन इसे लागू करने में प्रशासन पारदर्शिता नहीं बरत पा रहा है, जिससे भ्रम की स्थिति बन रही है.”-आर्यन देव उनियाल, प्रदेश सदस्य, बीजेपी युवा मोर्चा

क्या कह रहा पर्यटन विभाग? उत्तराखंड पर्यटन विभाग का कहना है कि इस कदम से मसूरी की केयरिंग कैपेसिटी का अनुमान लगाना आसान होगा. भीड़ नियंत्रण, पार्किंग व्यवस्था और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है.

“मसूरी में 60-70 प्रतिशत पर्यटक आखिरी समय पर यात्रा का प्लान करते हैं. अगर उन्हें पहले से रजिस्ट्रेशन की बाध्यता होगी तो वे मन बदलकर शिमला या नैनीताल जैसे डेस्टिनेशन पर चले जाएंगे.”– अजय भार्गव, महामंत्री, मसूरी होटल एसोसिएशन

मसूरी महिला कांग्रेस अध्यक्ष जसबीर कौर का कहना है कि अगर सरकार पर्यटकों की रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को समाप्त नहीं करती तो कांग्रेस फैसला का विरोध करेगी. साथ ही सड़क पर उतरने पर मजबूर होगी.

“सरकार की यह नीति व्यवहारिक धरातल पर सफल नहीं हो पाएगी, क्योंकि न तो इंटरनेट सभी जगह सुगम है, न ही हर पर्यटक तकनीकी रूप से सक्षम है. सरकार मसूरी में पर्यटकों को बेहतर सुविधा देने में असफल साबित हुई, जिसको लेकर बेवजह की योजना बनाई जा रही है, जिसका कांग्रेस विरोध करती है.”– जसबीर कौर, अध्यक्ष, मसूरी महिला कांग्रेस

वहीं, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव जगजीत कुकरेजा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो व्यापारी विरोध प्रदर्शन करेंगे.

“रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य की बजाय वैकल्पिक बनाया जाए. होटल/गेस्ट हाउस में चेक-इन के समय रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाए. इस योजना को पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाकर उसका आकलन किया जाए. पर्यटकों को स्पष्ट जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए.”-जगजीत कुकरेजा, महासचिव, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन

बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश सदस्य आर्यन देव उनियाल ने सरकार का समर्थन किया है. उन्होंने इस फैसले को जरूरी बताया है.

“यह फैसला जरूरी है, लेकिन इसे लागू करने में प्रशासन पारदर्शिता नहीं बरत पा रहा है, जिससे भ्रम की स्थिति बन रही है.”-आर्यन देव उनियाल, प्रदेश सदस्य, बीजेपी युवा मोर्चा

क्या कह रहा पर्यटन विभाग? उत्तराखंड पर्यटन विभाग का कहना है कि इस कदम से मसूरी की केयरिंग कैपेसिटी का अनुमान लगाना आसान होगा. भीड़ नियंत्रण, पार्किंग व्यवस्था और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है.

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