उनती एग्री और मारुत ड्रोन्स ने शुरु की ‘ड्रोन यात्रा’

देहरादून। नेशनल उनती एग्री अलाइड एंड मार्केटिंग मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड यूएएमएमसीएल और मारुत ड्रोन्स-भारत की अग्रणी ड्रोन निर्माण और प्रशिक्षण कंपनी ने हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कई जिलों में ड्रोन यात्रा के पहले फेज़ की शुरुआत की है, जिसका मकसद राज्यों में किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाना और ड्रोन टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह ड्रोन यात्रा पंजाब और हिमाचल प्रदेश के उन किसानों को ड्रोन टेक्नोलॉजी के लाभों के बारे में शिक्षित और प्रोत्साहित करेगी, जो धान, गेहूं, आलू और इसी तरह की अन्य लोकप्रिय फसलों की खेती करते हैं। ऊना जिले से शुरू होकर, यह 15 दिवसीय यात्रा हिमाचल के 2 जिलों और पंजाब के 1 जिले को कवर करेगी, जो पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर बसे होशियारपुर में खत्म होगी। मारुत-उनाती टीम, ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए 15000 से अधिक किसानों से जुड़ेगी,और 5 हॉटस्पॉट के 4-5 गांवों में रोजाना प्रदर्शन करेगी।
लेबर, उर्वरक और एग्रोकेमिकल्स की बढ़ती कीमतों और खेतों में छिड़काव की जरूरत से ज्यादा वक़्त लेने वाली प्रक्रिया के कारण किसान आमतौर पर भारी कर्ज के बोझ तले दबे होते हैं। अनियमित वर्षा और मौसम के अप्रत्याशित पैटर्न, क्रॉप साइकल को बाधित करते हैं और पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसके अलावा, पानी की अधिक खपत वाली फसलों, जैसे धान की खेती के कारण तेजी से घटता हुआ भूजल स्तर भी राज्यों के लिए चिंता का विषय बन रहा है। जमीनी स्तर की इस पहल का उद्देश्य है इस बारे में जागरूकता पैदा करना कि ड्रोन कैसे फसल की निगरानी को बढ़ा सकते हैं, इनपुट लागत को कम कर सकते हैं और उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं ताकि इन मुद्दों का एक स्थायी समाधान प्रदान किया जा सके। इस यात्रा ने किसानों के बीच गहरी रुचि पैदा की है, जिन्होंने छिड़काव के पारंपरिक तरीकों की तुलना में ड्रोन की प्रभावशीलता के बारे में उचित प्रश्न उठाए हैं। साथ ही साथ, ड्रोन तकनीक अपनाने में मदद करने के लिए किसानों को मिलने वाली सरकारी सब्सिडी में भी उनकी काफी रुचि थी।

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